सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Contact Us

 


Contact Us

Wanna connect with us?

You can do so through the below mentioned links.


news@gulfasia.org


Find us on social media




Thank You!

We will get back to you soon...



टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

भगवद गीता: जीवन का अमृत संदेश - Bhagavad Gita: The Nectar of Life's Message

भगवद गीता: जीवन का अमृत संदेश भूमिका भगवद गीता केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं है, बल्कि यह जीवन के हर पहलू पर मार्गदर्शन देने वाला एक दिव्य ग्रंथ है। यह श्रीकृष्ण और अर्जुन के संवाद के रूप में प्रस्तुत है, जिसमें मानव जीवन के सत्य, कर्तव्य, धर्म और कर्म के सिद्धांत समझाए गए हैं। यह ग्रंथ न केवल हिंदू धर्म में बल्कि समस्त मानव जाति के लिए प्रेरणास्रोत है। १. कर्म का सिद्धांत (Law of Karma) श्लोक: "कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि॥" (भगवद गीता 2.47) अर्थ: मनुष्य का अधिकार केवल कर्म करने में है, लेकिन वह उसके फल का स्वामी नहीं है। इसलिए हमें फल की चिंता किए बिना अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। यह संदेश हमें निष्काम भाव से कर्म करने की प्रेरणा देता है। विस्तार: कर्म का सिद्धांत यह सिखाता है कि हमें अपने कार्य में पूरी निष्ठा और समर्पण से जुटना चाहिए। जब हम कर्म को ईमानदारी और समर्पण के साथ करते हैं, तो उसका सकारात्मक प्रभाव हमारे व्यक्तित्व और समाज पर पड़ता है। यह हमें आलस्य और निष्क्रियता से बचने की प्रेरणा देता है। २. आत्मा का अम...

सुखकर्ता दुखहर्ता आरती लिरिक्स - Sukhkarta Dukhharta Aarti Lyrics

सुखकर्ता दुखहर्ता आरती - Sukhkarta Dukhharta Aarti Lyrics 🕉️ भूमिका | Introduction सुखकर्ता दुःखहर्ता आरती भगवान गणेश जी को समर्पित एक बहुत ही लोकप्रिय आरती है। इसे विशेष रूप से गणेश चतुर्थी, नवरात्रि, गृह प्रवेश, या किसी शुभ कार्य की शुरुआत में गाया जाता है। Ganpati Bappa को Vighnaharta (विघ्नों का नाश करने वाला) और Sukhakarta (सुख देने वाला) कहा जाता है। इस आरती को श्रद्धा से गाने से जीवन में शांति, समृद्धि और शुभता आती है। 🌟 आरती का महत्व | Importance of the Aarti यह आरती मन की शांति, सकारात्मक ऊर्जा, और सफलता देने वाली मानी जाती है। सुबह और शाम की पूजा में इसे गाना बहुत शुभ होता है। गणेश जी के गुणों का गुणगान इस आरती में किया गया है—जैसे कि उनका तेजस्वी रूप, शांति भरी आँखें और ज्ञान का प्रतीक उनका एक दंत। सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची। घनो तुम्च जय जयकार करू, श्रीमहालक्ष्मीची॥ आरती: सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची। घनो तुम्च जय जयकार करू, श्रीमहालक्ष्मीची॥ दुखविनाशक जय, सर्वमंगलक जय। दुरिताचि आर्ती, पर्व निमग्न कारी॥ जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ती। दर्शन मात्रहे मनकामना पूर्...

होली: रंगों, प्रेम और उल्लास का पर्व - Holi: The Festival of Colors, Love, and Joy

  होली: रंगों, प्रेम और उल्लास का पर्व भूमिका भारत को त्योहारों की भूमि कहा जाता है, और होली उनमें से एक प्रमुख पर्व है। यह रंगों, प्रेम और भाईचारे का पर्व है, जिसे हर वर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग सभी भेदभाव भुलाकर एक-दूसरे को रंगों से सराबोर कर देते हैं और आपसी प्रेम को प्रगाढ़ बनाते हैं। होली का यह त्योहार केवल भारत में ही नहीं, बल्कि नेपाल, मॉरीशस, फिजी, सूरीनाम, त्रिनिदाद, अमेरिका और यूरोप सहित कई देशों में धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व केवल मस्ती और मनोरंजन का ही नहीं, बल्कि बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक भी है। होली का धार्मिक महत्व होली से जुड़ी कई धार्मिक कथाएँ प्रचलित हैं, जिनमें से दो कथाएँ सबसे अधिक प्रसिद्ध हैं – 1. भक्त प्रह्लाद और होलिका की कथा पौराणिक कथाओं के अनुसार, हिरण्यकशिपु नामक एक असुर राजा था, जो खुद को भगवान मानता था। वह चाहता था कि सभी उसकी पूजा करें, लेकिन उसका पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का अनन्य भक्त था। हिरण्यकशिपु ने अपने पुत्र को मारने के लिए कई प्रयास किए, लेकिन हर बार वह भगवान विष्ण...